Monday, November 03, 2014

अंको का चमत्कार......


जिस दिन आप पैदा होते हैं, आप अपने भाग्य के अंक के साथ जुड़ जाते हैं। आपके भाग्य का खाता खुल जाता है। यदि आप अपने भाग्य के अंक के मित्र अंकों के साथ हैं तो जीवन सुखमय है और यदि शत्रु अंकों के साथ हैं तो जीवन दु:खमय बना रहेगा।

इसलिए, सुखी जीवन के लिए यह आवश्यक है कि आप अपने जीवन में भाग्य के मित्र अंकों के आधार पर ही अपनी विद्या, व्यापार, रहने का देश, शहर, दिशा आदि का चयन अपने भाग्य के अंक के साथ मिलान कर उसके मित्र अंकों के आधार पर करें तो आपका जीवन सुखमय हो जाएगा।

अंक है तो सब कुछ है अंक नहीं तो कुछ भी नहीं, या यूं कहिए की सारी सृष्टि अंकों के आधार पर टिकी हुई है। दुनिया की चाहे कोई भी चीज हो उसकी वास्तविक पहचान केवल अंकों के आधार पर ही होती है। अंको का खेल निराला है, लेकिन उससे भी खास है उनपर विश्वास करने वालों का जूनून। 

एक वक्त था जब अंकों यानी नंबरों में कुछ खास लोगों को ही दिलचस्पी हुआ करती थी, वह भी एक बदनाम खेल की वजह से...। 

लेकिन अब अंकों का गुणा-भाग हर कोई कर रहा है। लकी नंबर्स इस्तेमाल करने वालों की तादाद दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वीआईपी से लेकर कॉमन मैन तक गाड़ी से लेकर मोबाइल और एटीएम कार्ड तक में इन नंबर्स का उपयोग कर रहे हैं... 

चाहे गैस, ठोस, तरल पदार्थ हों या अन्य वस्तुएं, आपकी आयु के वर्ष, लेखा-जोखा, घर का नम्बर, फोन नम्बर, दूरियां, क्षेत्रफल या अन्य कोई भी ऐसी चीज नहीं, जिसकी माप में अंकों का प्रयोग न होता हो। 

यदि अंकों का ज्ञान न रहे तो अंकों के बिना सारा संसार स्थिर-सा हो जाएगा जैसे कि बिना आत्मा के शरीर

ank
अलग-अलग ग्रहों के अपने अंक होते हैं जो व्यक्ति की राशियों पर अनुकूल और व्यापक असर डालते हैं- 

जैसे किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अच्छा है तो उसके लिए 1 अंक शुभ होगा, इसी तरह 2 चंद्रमा का, 3 गुरु का, 4 राहू का, 5 बुध का, 6 शुक्र का, 7 केतु का, 8 शनि का और 9 मंगल का शुभ अंक है।

आपके नाम के अक्षरों का योग आपके जन्म की तारीख से मेल खाता हुआ होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करने पड़ेंगे।

नेपोलियन ने अपने नाम का केवल एक ही अंक बदला था। उसने अपने पुराने नाम नेपोलियनी में से इ की मात्रा हटाकर नेपोलियन किया ही था कि मानो उसके भाग्य में तूफान-सा आ गया। उसके नाम का अंक था 9 और उसकी पत्नी जब 40वें वर्ष से गुजर रही थी, तो उसका योग 4+0=4 का अंक आया। इस अंक की 9 अंक के साथ शत्रुता होने के कारण उसकी पत्नी का देहांत हो गया। वर्ष 1815 जिसका योग 1+8+1+5=15,1+5=6 आता है, जो कि नाम के 9 अंक के उल्टा है। इस कारण वह युद्ध में बुरी तरह हार गया।

आपने कभी सोचा है कि भाग्य का अंक (जन्मदिन व दिनांक आपके नाम के अंक के साथ
कितनी मित्रता या शत्रुता रखता है, क्योंकि इसी के आधार पर आपके जीवन में आने वाले सुख एवं दुख का निर्णय हो सकेगा। यदि आपके नाम का अंक आपके भाग्य के अंक के साथ मित्रता रखता है तो जीवन दुःखमय, संघर्षपूर्ण एवं समस्याओं से घिरा रहेगा।

इस प्रकार यदि आपकी दुकान, फैक्ट्री, बच्चों, पत्नी, मित्रों, बिजनेस पार्टनरों इत्यादि के नामों से मित्रता है तो जीवन आनंदमय होगा अन्यथा कोई न कोई परेशानी लगी रहेगी।

आपके जीवन में जितना महत्व नाम के अंकों का है, उतना ही महत्व दिनों के अंक, ग्रहों के अंक, रंगों के अंक, आपके घर का अंक, मकान की दिशा व उसके अंक का होता है। इन्हें आप अंकों के ज्ञान से अपने भाग्य के अंक के अनुकूल बनाकर अपना जीवन आनंदमय बना सकते हैं।

अंकों में मित्रता व शत्रुता

अंकों की आपसी मित्रता व शत्रुता में ही आपका भविष्य छुपा हुआ है। उदाहरण के तौर पर अंक 9 एवं 4 एक-दूसरे के शत्रु हैं। यदि आपके भाग्य का अंक 9 है व आपके नाम के अक्षरों के योग का अंक 4 है तो आपका नाम ही आपके लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाएगा और सारा जीवन संघर्षमय बना रहेगा।

अंक 9 मंगल का है और अंक 4 राहु का। यह दोनों एक-दूसरे के दुश्मन हैं। 9 का रंग लाल एवं 4 का रंग भूरा है। इसलिए 9 अंक वाले व्यक्ति कभी भी भूरे रंग का प्रयोग न करें। इस रंग के पर्दे, कालीन व दीवारों का रंग भी उन पर बुरा असर करेगा। इसी प्रकार 4 अंक वाले व्यक्तियों को लाल रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। लाल रंग की कार न चलाएं नहीं तो दुर्घटना का भय बना रहेगा।

चिकित्सा विज्ञान ने भी अब यह स्वीकार कर लिया है कि रंगों का शरीर पर काफी प्रभाव पड़ता है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार हरा रंग-हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है, नीला रंग रक्तचाप बढ़ाता है, लाल रंग-शरीर को चुस्त-दुरुस्त करता है तथा पीला रंग स्वभाव को चिड़चिड़ा बनाता है।  इस प्रकार हरी घास पर चलना, हरी सब्जियां खाना, हरे कालीन का प्रयोग करना, हरे रंग की दीवारें, हरे रंग के पर्दे व हरे रंग के कपड़े का प्रयोग करना उच्च रक्तचाप वालों के लिए लाभदायक है।

दिशाओं के अंक

आपका उज्जवल भविष्य, स्वास्थ्य, मानसिक शांति, उन्नति एवं लक्ष्मी का घर में वास आपके भाग्य की दिशा के साथ जुड़ा हुआ है। इसलिए जिस घर में आप रहते हैं उस घर के मुख्य द्वार की दिशा आपके भाग्य अंक की दिशा के अनुकूल होनी चाहिए। यदि आपके भाग्य का अंक व घर की दिशा के अंक में शत्रुता है तो धन का नाश, बीमारियां व परेशानियां आपको घेरे रहेंगी।

यदि आप दिशाओं के अंक अपने भाग्य के अंक के अनुकूल बना लें तो आपका जीवन सुखमय हो जाएगा। उदाहण के तौर पर यदि आपके भाग्य का अंक 5 है तो आपके भवन का द्वार उत्तर-पूर्व दिशा में आपके भवन का द्वार शुभ होगा। यदि भवन का द्वार दक्षिण-पश्चिम में है तो जीवन संघर्षमय होगा। यदि भाग्य अंक 1 है तो पूर्व दिशा की तरफ शुभ एवं पश्चिम दिशा की तरफ मुख्य द्वार अशुभ होगा।

संसार के भाग्यशाली देश

अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस आदि देशों में व्यापार हेतु जाने से पहले उन देशों के अंक व अपने भाग्य का अंक का मिलान अवश्य कर लें, वरना आपको सफलता के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर यदि आपका भाग्य अंक 5 है तो उत्तर दिशा के देश जैसे कि अमेरिकाऔर यदि 9 है तो दक्षिण दिशा के देश लाभदायक सिद्ध होंगे।

आपका कारोबार

भाग्य के अंक व कारोबार के अंक में मिलान करके आप लाभ कमा सकते हैं। जैसे कि यदि आप के भाग्य का अंक 8 है तो जमीन, फार्म हाउस, लोहे से संबधित कारोबार, ठेकेदारी व जमीन से निकलने वाले पदार्थो का व्यापार फलेगा। यदि भाग्य का अंक 9 है तो पुलिस, वायुसेना, सेना, सुरक्षा एजेंसी, सर्जरी इत्यादि कार्यों में अधिक सफलता प्राप्त होगी।

इति शुभम...

 

Wednesday, October 29, 2014

स्वप्न और आपका भाग्य.....

स्वप्न मनुष्य के लिए बड़े ही आकर्षक लुभावने और रहस्यमय होते है. डरावने और बुरे स्वप्न जहां उसे भयभीत करते है. वहीं दिलचस्प, मनोहारी और अच्छे स्वप्न उसे आत्मविभोर कर देते है. रात्री में सुप्त अवस्था में देखे गए स्वप्नों के स्वप्न जाल में घिरा वह सारा दिन एक अजीब सी खुशी का अनुभव करता है.एक अजीब सी ऊर्जा उसके भीतर प्रवाहित होती रहती है. 
मनुष्य स्वभाव ही ऐसा है, जो बुरे स्वप्न के फल को भी जानना चाहता है.और अच्छे स्वप्न के फल को भी जानने के लिए उत्सुक रहता है. आखिर स्वप्न क्या है, जो सदियों से मनुष्य को अपने शुभ अशुभ संकेतों द्वारा सचेत करता रहा है. असल में स्वप्न व्यक्ति के व्यक्तित्व का एक ऐसा भाग्य सूचक है. जो वह सब कुछ उसको निन्द्रावस्था में बता जाता है. जो उसके जीवन में शुभ अशुभ घटने वाला होता है. ऐसी सूक्ष्म और प्रामाणिक जानकारी मनुष्य को किसी भी पद्धति से नहीं मिल सकती है.
कुछ स्वप्न बड़े ही विचित्र और आश्चर्यजनक होते है. व्यक्ति उन्हें देख कर अवाक रह जाता है. कि वह स्वप्न में कैसे आसमान में उड़ रहा था. कुछ स्वप्न ऐसे भी होते है. जो भविष्य में घटने वाली शुभ अशुभ घटनाओं का बोध कराते है. और कुछ स्वप्न बिलकुल ही मानव जीवन की सच्चाइयो से जुड़े होते है.
http://ptanilji.blogspot.com/
आप अगर रात के प्रथम पहर में कोई स्वप्न देखते है तो उस स्वप्न का शुभ या अशुभ फल आपको साल भर में मिलने की संभावना रहती है. रात के दूसरे पहर में आप कोई स्वप्न देखते है.उसका शुभ या अशुभ फल मिलने का समय आठ महीने का होता है. रात के तीसरे पहर में आप कोई स्वप्न देखते है तो तीन महीने में उसका शुभ अशुभ फल मिलता है. रात के चौथे पहर के स्वप्न के फल प्राप्ति का समय एक माह होता है. और जो स्वप्न सुबह भोर काल में देखे जाते है उसका फल शीघ्र ही आपको मिल जाता है. दिन निकलने के बाद देखे जाने वाले स्वप्नों का फल आधे माह के भीतर ही मिल जाते है.
आपकी यदि शादी नहीं हुई है, आप अभी कुंवारे है. रात की बेला में निर्विघ्न रूप से सो रहे है. तभी आप स्वप्न में देखते है कि कोई हथियार आपके सामने फर्श पर पड़ा हुआ है. इसका फल बहुत ही शुभ है अर्थात आपको आने वाले समय में शीघ्र ही जीवन साथी मिलने वाला है. 
अगर स्वप्न में टूटा हुआ हथियार देखते है तो इसका फल अशुभ है अर्थात जीवन साथी के मिलने में विलम्ब होगा. अगर यही स्वप्न युवा लड़की देखती है तो भी यही फल प्राप्त होगा.

आप किसी खूबसूरत युवा स्त्री से वर्तमान में प्यार कर रहे है और रात को स्वप्न में आपने देखा कि भालू आपके सामने खड़ा है तो मामला गडबड है. इसका फल आपके लिए शुभ नहीं है. क्योंकि स्वप्न में भालू को देखना इस बात का सूचक है कि आपकी प्रेमिका पर कोई दूसरा पुरुष भी डोरे डाल रहा है. और वह उसकी ओर खींचती चली जा रही है. जो निश्चय ही आपके लिए शुभ नहीं है.

अगर स्वप्न में भालू आपको पेड़ पर चडता हुआ नजर आता है तो इसका फल बहुत ही शुभ होता है. आपको भविष्य में मनपसंद जीवनसाथी मिलने वाला है. यदि उपरोक्त स्वप्न को युवा लड़की देखती है तो उसे भी यही फल प्राप्त होता है.

आप यदि शादीशुदा एक महिला है. और स्वप्न में आपने अपने पति को काला चश्मा लगाते हुये देख रही है और उनके साथ कोई काला पशु भी है तो समझ लीजिए कि आपके पति का किसी दूसरी स्त्री के साथ संबंध चल रहा है. आप अपने स्वप्न को अधिक से अधिक लोगो को बताए फल का अशुभ प्रभाव कम होता है.

आप एक युवा स्त्री है और रात को स्वप्न में आप किसी खूबसूरत और भोगविलास की सुख सुविधाओं से संपन्न बैडरूम में आराम फरमा रही है. तो यह स्वप्न आपके लिए शुभ नहीं है इसका मतलब यह है कि भविष्य में आपके किसी पुरुष के साथ संबंध बनने वाले है जिसके कारण आपकी इज्जत और मान सम्मान की हानि होने की संभावना रहेगी. रामायण का पाठ करने या सुनने से इस स्वप्न के अशुभ फल की शान्ति होगी.

आप रात्री काल में गहरी नींद में सो रहे है और स्वप्न में आप देखते है कि कुम्हार घड़ा बना रहा है. तो समझ लीजिए कि अब आपके कष्टों के दिन दूर होने वाले है . इस स्वप्न का फल अत्यंत ही शुभ और समृद्धिदायक होता है. 

और यदि स्वप्न में आप अपने से उच्चस्थ पदस्थ पुरुष या अधिकारी से अशिष्टता से बात कर रहे है या अभद्र व्यवहार कर रहे है तो आपके लिए इस स्वप्न का फल शुभ है आप जो भी व्यवसाय या कार्य कर रहे होते है उसमें दिनोंदिन उन्नति होनी आरम्भ हो जायेगी.

यदि आप स्वप्न में देखते है कि आपका मकान मालिक आपसे किराया मांग रहा है तो समझ लीजिए कि इस स्वप्न का फल अति उत्तम है. भविष्य में आप खुद का मकान लेने वाले है या आपके व्यवसाय या नौकरी में उन्नति होने वाली है. 

यदि स्वप्न में आपको अचानक ही छींक आती है और आप फ़ौरन ही अपने रुमाल से अपनी नाक साफ़ करने लगे है तो इस स्वप्न का फल आपके लिए अति उत्तम और ऐश्वर्यशाली है.भविष्य में आपकी आय में वृद्धि होगी. या आय का दूसरा स्रोत मिलेगा जिससे आपका काया कल्प होने वाला है.
यदि आप स्वप्न में किसी बच्चे को गोद में लेते है तो स्वप्न शुभ फलदायक होता है. आपको भविष्य में जुए, लॉटरी या सट्टे से बगैर कमाए ही धन मिल सकता है.

यदि आप स्वप्न में देखते है कि एक शेर आपके सामने आकार गर्जना कर रहा है.आपकी आँखे डर के मारें सहसा ही खुल जाती है. आप जितना डरे हुएं है उतना ही स्वप्न आपके लिए शुभ होगा. आने वाले दिनों में आपको अनेक सुन्दर स्त्रियों का स्नेह और शारीरिक सुख मिलने वाला है....

शास्त्रों के अनुसार यदि अशुभ स्वप्न किसी भी प्रकार का हो या हमे पता नहीं है कि यह स्वप्न शुभ है या अशुभ है. उसका फल हमारे लिए अशुभ ना हो इसलिए इस दोष के निवारण के लिए प्रातःकाल किसी दूध देने वाली गाय को हरा चारा, घांस आदि डाल कर प्रार्थना कर दे इससे स्वप्न के दोष की निवृति होगी............

स्वप्न भावी जीवन का संकेत करते है.स्वप्नों में जीवन में होने वाली भावी घटनाओं के बारे आसानी से संकेत मिल जाते है.इन संकेतों को पहचानना जरूरी होता है.स्वप्नों पर भारत एवम पश्चिमी देशो में पर्याप्त अनुसंधान हुए है.यह देखा गया है कि कुछ प्रकार के स्वप्न एक विशेष प्रकार का फल देते है.

इस लेख में मै दाम्पत्य जीवन एवम प्रेम-प्रसंगों से सम्बंधित स्वप्न फल का विचार जो कि ज्योतिष के ग्रंथो में उपलब्ध है लिख रहा हूं.

स्वप्न में कढे हुए वस्त्र देखने पर सुन्दर एवम सुशील पति/ पत्नी की प्राप्ति होती है.
स्वप्न में सोने के आभूषण उपहार स्वरुप प्राप्त हो तो उसका विवाह किसी धनी व्यक्ति से होता है.
स्वप्न में मेले में घूमना शुभ होता है.योग्य जीवन साथी मिलता है.
स्वप्न में शहद का सेवन करना शीघ्र ही विवाह संपन्न होने का सूचक है. अर्थात जल्दी शादी होगी.
स्वप्न में स्वयं को हवाई जहाज उड़ाते हुए देखने पर शीघ्र ही विवाह का योग बनता है.
स्वप्न में स्वयं को केला खाते हुए देखना शुभ नहीं होता है मनोनुकूल जीवन साथी नहीं मिल पाता.
स्वप्न में कंगन पहनने पर शीघ्र ही विवाह होने की स्थितिया उत्पन्न होती है.
 स्वप्न में मंदिर या किसी अन्य पूजा घर में पूजा अर्चना करते हुए देखने से मनपसंद जीवन साथी की प्राप्ति होती है.
स्वप्न में हीरा या हीरे से जड़े हुए आभूषण देखने पर उसका विवाह किसी सरकारी अधिकारी अथवा उच्च व्यवसाई के साथ होता है.
स्वप्न में परिजनों से सम्बन्ध विच्छेद होते हुए देखना शुभ होता है शीघ्र ही विवाह हो जाता है.
स्वप्न में कोई लड़की स्वयं को महल से बाहर आते हुए देखे तो उसकी सगाई टूट जाती है.
स्वप्न में यदि कोई लड़की अपने प्रेमी या पति को किसी अन्य स्त्री के साथ अनैतिक सम्बन्ध स्थापित करता देखें तो उसे सच्चरित्र पति की प्राप्ति होगी.
स्वप्न में यदि कोई लड़की स्वयं को दूसरी लड़की का चुम्बन लेते हुए देखे तो प्रेम प्रसंग में शीघ्र सफलता के संकेत मिलते है.
स्वप्न में प्रेमी युगल अपने आपको किसी बगीचें में घूमता फिरता देखे तो उन दोनों का विवाह हो जाता है और उनका दाम्पत्य जीवन अत्याधिक मधुर व्यतीत होता है.
स्वप्न में बैलों की जोड़ी को पानी पीता देखे तो दाम्पत्य जीवन में प्रगाढ़ता आती है.
स्वपन में किसी भव्य महल या बिल्ली को देखने पर प्रेम सम्बधों में दरार आती है.
स्वप्न में अविवाहित कन्या अपने प्रेमी का किसी अन्य लड़की से विवाह होते हुए देखे तो उसका शीघ्र विवाह हो जाता है.
स्वप्न में स्वयं खुश हो कर नाचना देखें तो उसका शीघ्र विवाह होता है.
स्वप्न में इन्द्रधनुष देखना शुभ होता है.
स्वप्न में आभूषण खोना दाम्पत्य जीवन में बाधा उत्पन्न होता है.
स्वप्न में बहुत बड़ा चाक़ू अथवा छुरा देखने पर दाम्पत्य जीवन में क्लेश उत्पन्न होता है.
स्वप्न में अंगूठी भेंटस्वरुप प्राप्त हो तो उसका जीवन साथी उससे बहुत प्रेम करने वाला होगा.

स्वप्न सत्य होते है या झूठ ??

इस प्रश्न पर विवाद करना व्यर्थ है. इतिहास में हजारों ऐसे प्रमाण उपलब्ध है, जिनमें स्वप्न अक्षरशः सत्य सिद्ध हुए है...


!!!!शुभमस्तु!!!!

Monday, October 13, 2014

मोमबत्ती द्वारा भाग्य जगाएं......


चीनी वास्तु फेंगशुई में मोमबत्ती की अहम भूमिका मानी गयी है. इसके द्वारा उर्जा का संतुलन किया जा सकता है. फेंगशुई में येंग और यिन नामक दो प्रकार की उर्जा कही गयी है. ये दोनों उर्जा न केवल एक दुसरे पर आश्रित है बल्कि एक दुसरे की पूरक भी है इन दोनों के बीच संतुलन होने से सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. यिन उर्जा को पुरुष का प्रतीक माना गया है.

भारतीय मनीषियों ने भी माना है कि उर्जा का संतुलन रहने से सुख शान्ति का संचार होता है.यह अलग बात है कि हमारे पूर्वजों ने मोमबत्ती की ज्योति की जगह दीपक की ज्योति का वर्णन किया है.उनके अनुसार घर में दीपक की ज्योति जलने से सकारात्मक उर्जा का संचार होता है. चीनी लोग इस उर्जा को ची के नाम से पुकारते है. उन लोगों का मानना है कि ऋणात्मक उर्जा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए मोमबत्ती को जला कर रखना चाहिए. मोमबत्ती से प्राप्त ची ऋणात्मक उर्जा को काट देती है और कमरे में सकारात्मक ची की वृद्धि होती है.

Anil Sharma
फेंगशुई में मोमबत्ती की लौ के अतिरिक्त मोमबत्ती के रंग तथा मोमबत्ती रखने वाले स्टैंड का भी विशेष महत्व माना गया है.यह स्टैंड लकड़ी या धातु में से हो सकता है. यंहा लकड़ीचीनी मिट्टीधातु का भी अपना एक विशेष प्रभाव माना गया है. 
चीन में पंच तत्वों में से तीन लकड़ीमिट्टी और धातु का अलग अलग महत्व है. ढलवा लोहे से बना स्टैंड धातु तत्व से सम्बन्ध रखता है. इन मोमबत्तियों  को जहां चाहे वहां रख दो ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि इनका एक विशिष्ट स्थान माना गया है.
घर या कमरे में इनको उत्तर-पूर्वदक्षिण या दक्षिण-पश्चिम क्षैत्र रखना चाहिए. 
चीनी वास्तु के अनुसार उत्तर में मोमबत्ती रखने धन का नाश होता है. 
घर के वायव्य में या कमरे के वायव्य में मोमबत्ती रखने से घर में अशांति होती है. 
ऑफिस आदि में भी रखने से साझेदारों के बीच तनाव रहता है.तथा कर्मचारी गणों में भी मालिक के प्रति वफादारी कम रहती है. 
पूर्वउत्तर-पूर्व या दक्षिण भाग में मोमबत्ती रखने से घर में सुख समृद्धि रहती है बच्चों के कमरे में इस स्थान पर रखने से ज्ञान की वृद्धि एवं बुद्धि का विकास होता है.
मोमबत्तियों के रंग का भी प्रभाव पडता है फेंगशुई में रंगों का भी महत्व दिया गया है.प्रत्येक दिशा का अपना एक रंग होता है. अलग अलग रंग की मोमबत्तियो को रखने के लिए भिन्न भिन्न दिशा निर्धारित की गयी है. 
लाल और हरे रंग की मोमबत्ती को दक्षिण मेंपीली और लाल रंग की मोमबत्ती को दक्षिण-पश्चिम मेंहरी और नीली को पूर्व या दक्षिण-पूर्व मेंसफेद को उत्तर में रख सकते है परन्तु इसे अति आवश्यकता में ही रखें. यदि उत्तर-पश्चिम में रखना पड़े तो पीली रंग की मोमबत्ती रखे. आजकल खुशबू वालो मोमबत्तियाँ भी चलन में आ रही है. खुशबू का भी ची वृद्धि में प्रयोग लिया जाता है.

मोमबत्ती का स्टैंड भी फेंगशुई में अहम भूमिका निभाता है. वास्तु का मानना है कि प्रत्येक वस्तु से किसी न किसी प्रकार की ऊर्जा निकलती है. यदि यह ऊर्जा आपके अनुकूल ना हो तो आपका नुक्सान कर सकती है.मोमबत्ती स्टैंड आजकल भिन्न भिन्न आकार व धातु में उपलब्ध हो गए है. 
आजकल लोहे के मोमबत्ती स्टैंड बहुत चलन में है इन्हें अपने बैडरूम में ना रखें. यह पति पत्नी के संबंधों में तनाव लाता हैनींद में कमी रहती है.यदि रखना ही चाहते है तो लकड़ी के स्टैंड पर रख सकते है. ऑफिसड्राइंगरूमबच्चों के कमरे में धातु के स्टैंड में मोमबत्ती रखने से उर्जा का संचार सुचारु रूप से रहता है. घुमावदार डिजाइन के स्टैंड बच्चों के कमरे में नहीं रखने चाहिए. बहुत नुकीले कोने वाले स्टैंड का भी प्रयोग वास्तु की दृष्टि से नुकसानदायक है. इस प्रकार मोमबत्ती मात्र रोशनी देने के लिए ही नहीं अपितु ची के लिए भी प्रयोग की जा सकती है.....

अधिक जानकारी के लियी आप  अपने निकट के विद्वान ज्योतिषी जी से संपर्क करें या Astro Adviser पर अपनी जन्म तिथिजन्म समयजन्म स्थान तथा अपनी समस्या भेजकर  रत्न रिपोर्ट बनवायें. इसमें आपके कैरियरआर्थिक मामलेपरिवारभाग्यसंतान आदि के लिये शुभ रत्न पहनने कि विधी व अन्य उपाय की भी जानकारी मिल जायेगी..

अतः अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आप AstroAdviser में जाकर कमेंट्स कर पूछ सकते है..या मेरे faceBook में भी आप संपर्क करें 


शुभमस्तु !! 

Sunday, September 21, 2014

शरीर के अंग फडकने का शुभ व् अशुभ विचार.....


अंगों के फड़कने से भी शुभ-अशुभ की सूचना मिलती है.प्रत्येक अंग की एक अलग ही महत्ता है, एक अलग ही विशेषता है और उनकी फड़कन का एक अलग ही अर्थ होता है.अंगों के फड़कने का महत्व प्राचीन समय से ही चला आ रहा है.प्रत्येक शास्त्र या विश्व का कोई भी व्यक्ति इस विज्ञान से थोडा बहुत परिचित है तथा घर परिवार या समाज में सभी इसके फल को जानते है.


आँख सबसे अधिक फड़कती है लोग शुभ-अशुभ जानने के लिए व्याकुल रहते है.दायीं आँख ऊपर की ओर के फलक में फड़कती है तो धन,कीर्ति आदि की वृद्धि होती है.नौकरी में पदोन्नति होती है नीचे का फलक फड़कता है तो अशुभ होने की संभावना रहती है. 

बाँयी आँख का उपरी फलक फड़कता है तो दुश्मन से और अधिक दुश्मनी हो सकती है.नीचे का फलक फड़कता है तो किसी से बेवजह बहस हो सकती है और अपमानित होना पड़ सकता है.

बाँयी आँख की नाक की ओर का कोना फड़कता है जिसका फल शुभ होता है.पुत्र प्राप्ति की सूचना मिल सकती है.या किसी प्रिय व्यक्ति से मुलाक़ात हो सकती है.

दांयी आँख फड़कती है तो यह शुभ फलदायक होता है.लेकिन अगर किसी स्त्री की दांयी आँख फड़कती है तो उसे अशुभ माना जाता है.

दोनों आँखे एक साथ फड़कती हो तो चाहे वह स्त्री की हो या पुरुष की, उनका फल एक जैसा ही होता है. किसी बिछुड़े हुए अच्छे मित्र से मुलाक़ात हो सकती है.

दांयी आँख पीछे की ओर फड़कती है तो इसका फल अशुभ होता है. बाँयी आँख ऊपर की और फड़कती हो तो इसका फल शुभ होता है.स्त्री की बाँयी आँख फड़कती हो तो शुभ फल होता है.

httpptanilji.blogspot.com
कंठ गला तेज गति से फड़कता है तो स्वादिष्ट और मनपसंद भोजन मिलता है.किसी स्त्री का कंठ फड़कता है तो उसे गले आभूषण प्राप्त होता है.
कंठ का बांया भाग फड़कता है तो धन की उपलब्धि कराता है.
किसी स्त्री के कंठ के निचले हिस्से का फड़कना कम मूल्य के आभूषणों की प्राप्ति की सूचना देता है.कंठ का उपरी भाग फड़कता है तो सोने की माला मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

कंठ की घाटी के नीचे फड़कन होती है तो किसी हथियार से घायल होने की संभावना रहती है.

सिर के बाँयी ओर के हिस्से में फड़कन हो तो इसे बहुत ही शुभ माना गया है.आने वाले दिनों में यात्रा करनी पड़ सकती है. 

यदि आपकी यात्रा बिजनेस से सम्बंधित है तो ज्यादा नहीं तो थोडा बहुत लाभ अवश्य होगा.आपके सिर के दांयी ओर के हिस्से में फड़कन है तो यह शुभ फलदायक स्थिति है आपको धन,किसी राज सम्मान, नौकरी में पदोंन्नती, किसी प्रतियोगिता में पुरस्कार, लाटरी में जीत,भूमि लाभ आदि की प्राप्ति हो सकती है.
आपके सिर का पिछला हिस्सा फड़कता है तो समझ लीजिए आपका विदेश जाने का योग बन रहा है.और वंहा आपको धन की प्राप्ति भी होने वाली है.लेकिन अपने देश में लाभ की कोई संभावना नहीं है आपके सिर के अगले हिस्से में फड़कन हो रही है तो यह स्थिति स्वदेश या परदेश दोनों में ही धन मान प्राप्ति का कारण बन सकती है.

आपका सम्पूर्ण सिर फड़क रहा है तो यह सबसे अधिक शुभ स्थिति है आपको दुसरे का धन मिल सकता है,मुकद्दमे में जीत हो सकती है.राजसम्मान मिल सकता है.या फिर भूमि की प्राप्ति हो सकती है.
सम्पूर्ण मूँछो में फड़कन है तो इसका फल बहुत ही शुभ माना गया है इससे दूध,दही,घी,धन धान्य का योग बनता है.अगर आपकी मूंछ का दांया हिस्सा फड़कता है तो इसे शुभ समझना चाहिए. आपकी बाँयी मूंछ फड़कती है तो आपका किसी से बहस या झगड़ा हो सकता है.

आपके तालू में फड़कन है तो यह आर्थिक लाभ का शुभ संकेत है.दांया तालू में फड़कन है तो यह बिमारी की सूचना दे रहा है.
बांये तालू में फड़कन है तो आप किसी अपराध में जेल जा सकते है.
आपके दांये कंधे में फड़कन में फड़कन है तो आपको धन, सम्मान और बिछुड़े हुए भाई से मिलाप हो सकता है.बांया कंधा फड़क रह है तो रक्त विकार या वात सम्बन्धी विकार उत्पन्न हो सकते है.
आपके दांये घुटने में फड़कन है तो आपको सोने की प्राप्ति हो सकती है.और यदि दांये घुटने का निचला हिस्सा फड़क रहा है तो यह शत्रु पर विजय हासिल करने का संकेत है.आपके बांये घुटने का निचला हिस्सा फड़क रहा है तो आपके कार्य पूरा होने की संभावना बड जाति है.बांये घुटने का उपरी हिस्सा फड़क रहा है तो इसका फल कुछ नहीं होता है.

आपके पेट में फड़कन है तो यह अन्न की समृद्धि की सूचना देता है.यदि पेट का दांया हिस्सा फड़क रहा है तो घर में धन दौलत की वृद्धि होगी सुख और खुशहाली बडती है.अगर आपके पेट का बांया हिस्सा फड़कता है तो धन समृद्धि धीमी गति से बडती है वैसे यह शुभ नहीं है. पेट का उपरी भाग फड़कता है तो यह अशुभ होता है.लेकिन पेट के नीचे का भाग फड़कता है तो स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति होती है.

पीठ दांयी ओर से फड़क रही है तो धन धान्य की वृद्धि हो सकती है लेकिन पीठ के बांये भाग का फडकना ठीक नहीं होता है.मुकद्दमे में हार या किसी से झगड़ा हो सकता है.बाँयी पीठ में फड़कन धीमी हो तो परिवार में कन्या का जन्म होना संभव है और फड़कन तेज हो तो अपरिपक्व यानि समय से पहले ही प्रसव हो सकता है.पीठ का उपरी हिस्सा फड़क रहा हो तो धन की प्राप्ति होती है और पीठ का निचला हिस्सा फड़कता है तो बहुत से मनुष्यों की प्रशंसा मिलने की संभावना रहती है.


शुभमस्तु !!

Wednesday, August 27, 2014

राहु-काल का दैनिक उपयोग......



आज के समय प्रत्येक व्यक्ति की यही इच्छा रहती हैं कि उसके कार्य में कहीं कोई भी रूकावट न आये.इस हेतु वह प्रयास भी करता हैं, अपनी आस्था के अनुसार वह उपाय भी करता हैं. समय कि गति बहुत ही बलवान हैं, 
हम क्या शास्त्र भी कहते हैं कि समय को हमेशा याद करो. समय को केसें याद करें या समय का केसें सदुपयोग करें. आज ज्योतिष के आधार पर यह जानें कि किस समय समय शुभ हैं व किस समय समय की गति अशुभ चल रही हैं.
समय के दो पहलू हैं पहले प्रकार का समय व्यक्ति को ठीक समय पर काम करने के लिए कहता हैं. तो दूसरा समय उस काम को किस समय करना चाहिए इसका ज्ञान कराता हैं. समय हमारा मार्गदर्शक की तरह काम करता हैं.

ज्योतिष में राहू-काल के रूप में प्रतिष्ठित एक समय जिसकी जानकारी आज में यहाँ पर देने जा रहा हूँ. राहू-काल के समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाना चाहिए. अनुभव में आया हैं की इस समय कार्य करने से उसमें नाना प्रकार के व्यवधान उत्पन्न होते हैं. राहू-काल का प्रचलन दक्षिण भारत में अधिक हैं.

यह सप्ताह के सातों दिन निश्चित समय पर लगभग डेढ़ घंटा रहता हैं.इसे अशुभ समय के रूप में देखा जाता हैं.इसी कारण राहू-काल में शुभ कर्मो को यथा संभव टाल दिया जाता हैं.
राहू-काल दिन के आठवें भाग का नाम हैं. सामान्यतः दिन का आरम्भ प्रात: ६:०० बजे से शाम के ६:०० बजे तक माना गया हैं. १२ घंटो को बराबर ८ भागो में बांटा गया हैं.प्रत्येक भाग डेढ़ घंटे का होता हैं. जिसे ज्योतिष शास्त्र अनुसार राहू-काल कहते हैं. एक दम सही भाग निकालने के लिए स्थानीय सूर्य उदय व सूर्यास्त के समय की दूरी को आठ भागो में बाँट कर एक भाग राहू-काल का निश्चित होता हैं.

सप्ताह के प्रत्येक दिवस के अनुसार राहू-काल का समय सामान्यतः निम्न प्रकार से हैं. इसे हमेशा स्मरण रखें. कोई भी शुभ कार्य करने के लिए इस भाग को त्याग दें.

१-       सोमवार – प्रात: ०७:३० बजे से ०९:०० बजे तक.
२-      मंगलवार – दोपहर ०३:०० बजे से ०४:३० बजे तक.
३-      बुधवार – दोपहर १२:०० बजे से दोपहर ०१:३० तक.
४-     वृहस्पतिवार – दोपहर ०१:३० से दोपहर ०३:०० बजे तक.
५-    शुक्रवार – प्रात: १०:३० बजे से दोपहर १२:०० बजे तक.
६-    शनिवार – प्रात: ०९:०० बजे से प्रात: १०:३० बजे तक.
७-   रविवार – सांयकाल ०४:३० बजेसेसांयकाल ०६:०० बजे तक.

राहू-काल के समय किसी नए काम को शुरू नहीं किया जाता हैं. परन्तु जो काम इस समय से पहले शुरू हो चुका हैं उसे राहू-काल के समय बीच में नहीं छोड़ा जाता है, अशुभ कामों के लिये इस समय क विचार नहीं किया जाता है.


इति शुभम.....





Monday, August 25, 2014

वैवाहिक सुख में वास्तु व ज्योतिष की महत्वपूर्ण भूमिका....





वैवाहिक जीवन में परेशानीयां दक्षिण-पूर्व,उत्तर-पूर्व,दक्षिण-पश्चिम, दिशा में दोष होने के कारण आती हें. लेकिन थोडा-बहुत वास्तु के उपाय कर के हम अपना जीवन सुधार सकते हें.वैवाहिक जीवन में दक्षिण-पूर्व कोण सबसे ज्यादा असर दिखाता हें, यह कोण गर्म स्वभाव का होता हें तथा शुक्र ग्रह इस कोण पर अधिकार रखता हें फिर शुक्र ग्रह के शादी के कारक ग्रह होने से इस कोण का महत्त्व और भी बढ़ जाता हें.

१ – दक्षिण-पूर्व में गड्ढा होना, इस दोष के कारण अचानक घर के मालिक में अग्नि तत्व की कमी हो जाती हें.इसके दूरगामी परिणाम निकल सकते हें.घर की महिलायें ज्यादा घूमने फिरने लगती हें.इस कारण से घर में क्लेश होने लगता हें.वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पूर्व का कोण यदि दूषित हें तो घर के पुरुषों पर सबसे ज्यादा असर होता हें, खून सम्बन्धी रोग उत्पन्न होने लगते हें.

२ – दक्षिण-पूर्व के कोण में यदि बोरिंग हो तो अग्नि तत्व तथा जल तत्व का मेल होता हें जो कि परिवार में सदस्य आपस में ही झगड़ा करने लगते हें.घर में खर्च बढ़ जाना,एक दूसरे में दोष निकालना आदि. तथा नपुंसकता फैलती हें.

३ – दक्षिण-पूर्व कोण का बढ़ना ...इसका मतलब हें कि अग्नि का बढ़ना. इससे मुकदमे की नौबत आ सकती हें.लोगों को अपना तमाशा आप दिखा कर ही चैन आए.क्योंकि अग्नि जब भी जले सारे संसार को लपटें दिखा कर, गर्मी दे कर शान्ति होती हें.इस कोने का बढ़ना अपने आप में एक श्राप हें,बिना किसी बात के झगड़े,पति-पत्नी दोनों ही अशांत रहेंगे.उनके वैवाहिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर देगा.यहां पर एक सवाल खड़ा होता है,

कि अगर अग्नि बढ़ गयी तो सिर्फ घर का मर्द ही पराई महिलाओं से मिलता हें,महिलायें क्यों नहीं ऐसा करती ?दरअसल इसका जवाब ज्योतिष शास्त्र में हें.

अगर महिला का शुक्र ग्रह अपनी राशि का यानि कि वृष या तुला का हें, या शुक्र मीन राशि का हो कर उच्च का हें तो यह दोष के दुष्परिणामसे बच जाते हें.या कई बार ऐसा होता हें कि यह दोष होने के बाद भी यह असर कभी-कभी आप पर ना आ कर बच्चों पर आता हें क्योकि आपका अच्छा शुक्र आपको तो बचा जाता हें लेकिन आगे आने वाली पीढी मै अगर शुक्र ठीक नहीं हें तो अग्नि से भला कौन बचा हें कभी ? फिर यह कहावत भी हें अगर आग के पास जाओगे तो जरूर जलोगे अगर अपने आपको बचा भी लिया,सेंक तो फिर भी खाओगें.यह कहावत यहां पर सिद्ध होती हें.

उपाय....

१ दक्षिण-पूर्व के गड्ढ़ों को भरकर उत्तर या उत्तर-पूर्व से ऊँचे कर ले तथा मारूति यंत्र कि स्थापना कर दें ..
.
२ घर पर गाय (काले रंग की) पालें.या हर रोज काले रंग की गाय को दही-चीनी डाल कर आटे का पेड़ा  सुबह-शाम डाले..

३ अपने कपडें हमेशा साफ़ रखें.परफ्यूम लगा कर व इस्त्री कर के ही पहनें...

४ केतु ग्रह का कोई उपाय अवश्य करें. २ नींबू व दो केले बहते पानी में सोमवार व वृहस्पतिवार को अवश्य बहाए...

ज्योतिष विधान...

१२ वां घर व सातवां घर का मेल दिलाता है. दक्षिण-पूर्व एवं दक्षिण-पश्चिम कोण का ध्यान. १२वां घर बिस्तर के सुख आराम, खर्चा, बिमारी का व औरत से शारीरिक सुख का हें.कोई भी पापी ग्रह यहाँ बैठा हो या पापी ग्रह की नज़र हो तो इस घर को परेशान जरूर करेगी. आप न चाहते हुये भी अपने घर पर उस पापी ग्रह की चीजे रखनी शुरू कर दोगे जैसा कि अगर राहू १२वें घर पर हें या उसकी ७वीं, तीसरी, ११वीं नज़र १२वें घर पर हें तो आप इस कोने में बोरिंग, गड्ढे या जूतें रखना या पानी का रखनाशुरू कर दोगे.अगर आप १२वें घर के मांगलिक हें तो दक्षिण-पूर्व कोण बढ़ा कर लोगे.

उत्तर-पश्चिम कोण....

वैवाहिक जीवन में वायव्य या उत्तर-पश्चिम कोण का भी महत्त्व कुछ कम नहीं हें.यह कोण हवा का कोण हे तथा चन्द्र ग्रह इस कोण का स्वामी हें. चंद्रमा हमारे मन का कारक ग्रह हें. शादी, शुभ कार्य, मुहूर्त आदि कार्य चन्द्रमा का मिलान करके ही गुण,नाड़ी, दोष इत्यादि का पता करते हें. क्योंकि अगर चन्द्रमा दोनों वर व कन्या का आपस में मैत्री लिए होगा तभी वैवाहिक जीवन सुखमय संभव हैं.....  


शुभमस्तु!!