चीनी वास्तु फेंगशुई में
मोमबत्ती की अहम भूमिका मानी गयी है. इसके द्वारा उर्जा का संतुलन किया जा सकता
है. फेंगशुई में “येंग” और “यिन” नामक दो प्रकार की उर्जा कही गयी है. ये दोनों
उर्जा न केवल एक दुसरे पर आश्रित है बल्कि एक दुसरे की पूरक भी है इन दोनों के बीच
संतुलन होने से सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. “यिन” उर्जा को पुरुष का प्रतीक माना गया है.
भारतीय मनीषियों ने भी माना
है कि उर्जा का संतुलन रहने से सुख शान्ति का संचार होता है.यह अलग बात है कि
हमारे पूर्वजों ने मोमबत्ती की ज्योति की जगह दीपक की ज्योति का वर्णन किया
है.उनके अनुसार घर में दीपक की ज्योति जलने से सकारात्मक उर्जा का संचार होता है.
चीनी लोग इस उर्जा को “ची” के नाम से पुकारते है. उन लोगों का मानना है कि
ऋणात्मक उर्जा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए मोमबत्ती को जला कर रखना चाहिए.
मोमबत्ती से प्राप्त “ची” ऋणात्मक उर्जा को काट देती है और कमरे में
सकारात्मक “ची” की वृद्धि होती है.
फेंगशुई में मोमबत्ती की लौ
के अतिरिक्त मोमबत्ती के रंग तथा मोमबत्ती रखने वाले स्टैंड का भी विशेष महत्व
माना गया है.यह स्टैंड लकड़ी या धातु में से हो सकता है. यंहा लकड़ी, चीनी मिट्टी, धातु का
भी अपना एक विशेष प्रभाव माना गया है.
चीन में पंच तत्वों में से
तीन लकड़ी, मिट्टी और धातु का अलग अलग महत्व है. ढलवा लोहे से
बना स्टैंड धातु तत्व से सम्बन्ध रखता है. इन मोमबत्तियों को जहां चाहे वहां
रख दो ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि इनका एक विशिष्ट स्थान माना गया है.
घर या कमरे में इनको
उत्तर-पूर्व, दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम क्षैत्र रखना चाहिए.
चीनी वास्तु के अनुसार
उत्तर में मोमबत्ती रखने धन का नाश होता है.
घर के वायव्य में या कमरे
के वायव्य में मोमबत्ती रखने से घर में अशांति होती है.
ऑफिस आदि में भी रखने से
साझेदारों के बीच तनाव रहता है.तथा कर्मचारी गणों में भी मालिक के प्रति वफादारी
कम रहती है.
पूर्व, उत्तर-पूर्व या दक्षिण भाग में मोमबत्ती रखने से
घर में सुख समृद्धि रहती है बच्चों के कमरे में इस स्थान पर रखने से ज्ञान की
वृद्धि एवं बुद्धि का विकास होता है.
मोमबत्तियों के रंग का भी
प्रभाव पडता है फेंगशुई में रंगों का भी महत्व दिया गया है.प्रत्येक दिशा का अपना
एक रंग होता है. अलग अलग रंग की मोमबत्तियो को रखने के लिए भिन्न भिन्न दिशा
निर्धारित की गयी है.
लाल और हरे रंग की मोमबत्ती
को दक्षिण में, पीली और लाल रंग की मोमबत्ती को दक्षिण-पश्चिम में, हरी और नीली को पूर्व या दक्षिण-पूर्व में, सफेद को उत्तर में रख सकते है परन्तु इसे अति
आवश्यकता में ही रखें. यदि उत्तर-पश्चिम में रखना पड़े तो पीली रंग की मोमबत्ती
रखे. आजकल खुशबू वालो मोमबत्तियाँ भी चलन में आ रही है. खुशबू का भी “ची” वृद्धि में प्रयोग लिया जाता है.
मोमबत्ती का स्टैंड भी
फेंगशुई में अहम भूमिका निभाता है. वास्तु का मानना है कि प्रत्येक वस्तु से किसी
न किसी प्रकार की ऊर्जा निकलती है. यदि यह ऊर्जा आपके अनुकूल ना हो तो आपका
नुक्सान कर सकती है.मोमबत्ती स्टैंड आजकल भिन्न भिन्न आकार व धातु में उपलब्ध हो
गए है.
आजकल लोहे के मोमबत्ती
स्टैंड बहुत चलन में है इन्हें अपने बैडरूम में ना रखें. यह पति पत्नी के संबंधों
में तनाव लाता है, नींद में कमी रहती है.यदि रखना ही चाहते है तो
लकड़ी के स्टैंड पर रख सकते है. ऑफिस, ड्राइंगरूम, बच्चों के कमरे में धातु के स्टैंड में मोमबत्ती
रखने से उर्जा का संचार सुचारु रूप से रहता है. घुमावदार डिजाइन के स्टैंड बच्चों
के कमरे में नहीं रखने चाहिए. बहुत नुकीले कोने वाले स्टैंड का भी प्रयोग वास्तु
की दृष्टि से नुकसानदायक है. इस प्रकार मोमबत्ती मात्र रोशनी देने के लिए ही नहीं
अपितु “ची” के लिए भी प्रयोग की जा सकती है.....
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