"जीवन में साथ चलने वाले तो कई लोग मिलते हैं लेकिन जो व्यक्ति अपने कदमों के निशान आपके ह्रदय में दूर-दूर तक छोड़ जाए" मेरे अनुसार वही है आपका सच्चा दोस्त / मित्र है.......
मित्र एक ऐसा शब्द है, जिस की परिभाषा अलग अलग रूप में सभी व्यक्ति देते है.ये प्रश्न आज भी वहीँ उसी जगह खड़ा है जहाँ पहले था कि "सच्चा मित्र कौन" ? इस प्रश्न का उत्तर किसी के पास नही है और भवष्य में शायद इसका उत्तर मिलेगा भी नही, क्योंकि मित्र नामक शब्द को बदलने में देर नही लगती है इतिहास गवाह है कि आज तक 99% शत्रु कभी पैदा ही नही हुए शत्रु नामक शब्द मित्र का विलोम रूप है सही भी है, और तर्क संगत भी है की शत्रु वो ही बनता है जो पहले कभी मित्र था. अतः मित्रता को शत्रुता में बदलने में टाइम नही लगता इसके पीछे स्वार्थ ही सबसे बड़ा कारण है,
व्यक्ति के बहुत से मित्र समाज में होते है, कोई मित्र सुबह शाम नमस्कार करने वाले तो कोई मित्र स्टाफ के रूप में तथा कोई मित्र यात्रा आदि में अचानक बनने वाले और बहुत से मित्र तो विद्यार्थी जीवन में बन जाते है यही मित्र कुछ अच्छे संस्कार वाले होते है तथा इनमें से कुछ मित्र बुरे संस्कार वाले मिलते है, इसी विद्यार्थी जीवन में एक सच्चे मित्र की पहचान करना बहुत मुश्किल ही नही लगभग असंभव कार्य है,क्या होते हैं दोस्त: बदलते समय के साथ दोस्ती की परिभाषा भी बदलती जा रही है. पहले कहा जाता था, कि एक लडका और लडकी अच्छे दोस्त नहीं हो सकते, लेकिन आधुनिक समय में लडके व लडकियां साथ पढ रहें हैं और अच्छी और पवित्र दोस्ती भी निभा रहे हैं..
जिंदगी दोस्ती के बिना अधूरी है, इसलिए दोस्ती में एक सच्चा दोस्त होना बहुत ही जरूरी है, लेकिन कई बार कुछ ऎसे दोस्त भी निकल जाते हैं जो दोस्ती में धोखा देकर इस रिश्ते को ही बदनाम कर देते हैं. इसलिए एक अच्छे दोस्त का चुनाव बहुत सोच समझकर ही करना चाहिए.
जीवन में एक मित्र खुशियों की बहार ला सकता है साथ ही एक मित्र जीवन को बर्बाद भी करने में सक्षम हो सकता है, दोस्त सबसे पहले आपके दिमाग और दिल पर कब्जा करते है फिर उसके बाद अपनी उँगलियों पर नचाते है, फलस्वरूप उस समय अपने अच्छे और बुरे को पहचानने की शक्ति भी काम नही करती है, ऐसा आयु के 18 - 25 वर्ष के मध्य धटित होता है.यही वो टाइम है जब व्यक्ति का कैरियर बनने लगता है, भारतीय ज्योतिष के अनुसार बुरे मित्र से मिलवाने का काम राहू के कारण संभव होता है, जिसकी जन्म कुंडली में राहू भाग्य या लाभ भाव को अशुभ दृष्टि से देख रहा हो तो उसके जीवन में बुरे मित्रों की कमी नही रहेगी, अर्थात वो व्यक्ति कभी अच्छे मार्ग पर नही चल सकता है.
आजकल युवक युवतिया कोर्स या जॉब करने के लिए माता पिता से दूर किसी अन्य शहर में होस्टल या पी जी आदि में रहते है उनके लिए ये 25 - 28 वर्ष तक की आयु बहुत गंभीर रहती है इसी आयु में प्रेम सम्बन्ध आदि होने के कारण देखने में आया है, गलत मित्र से भेंट हो जाने से जीवन नरक तुल्य हो जाता है सावधानी रखें. इसलिए अभिभावक माता पिता को उन पर नजर रखनी चाहिए तथा साथ ही अपने विद्वान ज्योतिषी से सलाह कर के उनकी कुंडली में राहू का आकलन करवा कर उसका उपचार अनिवार्य रूप से करवाएं तभी इस अशुभ मित्रों के दोष से बचा जा सकेगा,
इस से अपने बच्चों या स्वंम को बचाने के लिए या कोई मित्र आपको धोखा दे रहा है, धोखा चाहे आर्थिक हो या मानसिक हो या शारीरिक रूप से आपको पीड़ित कर रहा हो तो निम्न सिद्ध उपाय कर आप लाभ उठा सकते है.
जन्म कुंडली स्थित पापी ग्रहों का जाप तथा दान आदि कर शांत करवाएं.
विशेष कर राहू का उपचार ज्यादा अनिवार्य है.
प्रत्येक सोमवार गेंहूँ का दान अपनी श्रद्धा अनुसार मंदिर में जा कर करें तो भी लाभ होगा.
पपीता फल के 7 सूखे बीज लेकर काले कपड़ें में छोटी से पोटली ताबीज के साइज़ की बना कर गले में काले धागे में बाँध कर शनिवार धारण करें, इस के करने से उस मित्र के प्रति मन उचाट होने लगेगा,
अपनी जेब में एक मोर का पंख अवश्य रखें. तथा अपने बिस्तर के दांये तरफ 16 मोर के पंख का गुलदस्ता बना कर रखने से बुरे मित्र साथ छोड़ जाते है
शुभमस्तु !!